11,134 करोड़ लागत, 32KM लंबाई...22 साल बाद बनकर तैयार हुई हेडरेस टनल, ऑस्ट्रिया से लाई गई थी मशीन

**मुख्य बिंदु**

* पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण-2 की 32 किलोमीटर लंबी हेडरेस टनल के दोनों छोर 22 साल बाद मिल गए हैं।
* टनल की खुदाई के लिए ऑस्ट्रिया से टीबीएम मशीन मंगाई गई थी।
* टनल की खुदाई में 22 साल लगने और लागत बढ़ने के पीछे कई कारण रहे, जिनमें मलबा गिरना, बाढ़ आना और भूस्खलन शामिल हैं।
* परियोजना का पावर हाउस 2012 में बनकर तैयार हो चुका है और बरशैनी में बांध भी बनाया जा चुका है।
* परियोजना से हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ देश के कई राज्यों को बिजली मिलेगी।

**परियोजना का महत्व**

पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण-2 एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जो देश की बिजली जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी। इस परियोजना से चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को बिजली मिलेगी। इस परियोजना से देश में बिजली की कमी को दूर करने में भी मदद मिलेगी।
**परियोजना की चुनौतियां**

पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण-2 की खुदाई में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इन चुनौतियों में मलबा गिरना, बाढ़ आना और भूस्खलन शामिल हैं। इन चुनौतियों के कारण टनल की खुदाई में 22 साल लग गए और लागत भी बढ़ गई।
**परियोजना के भविष्य**

पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण-2 की खुदाई पूरी हो चुकी है। अब परियोजना के बाकी बचे कामों को पूरा किया जाएगा। इस परियोजना से 2024 में बिजली उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।

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