200 करोड़ की बोरिंग मशीन डिस्मेंटल, 22 साल जमीन के अंदर रहने से TVM ने तोड़ा दम, सबसे लंबी हाइड्रो टनल तैयार

**200 करोड़ की बोरिंग मशीन डिस्मेंटल**

पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण दो के लिए बनाई जा रही एशिया की सबसे लंबी हाइड्रो टनल के निर्माण में प्रयोग की गई 200 करोड़ की टनल बोरिंग मशीन (टीवीएम) को अब डिस्मेंटल किया जा रहा है। मशीन ने 32 किलोमीटर लंबी टनल के दोनों पोर्टल को आपस में मिलाने में सफलतापूर्वक भूमिका निभाई थी।
मशीन को 1999 में इटली से मंगाया गया था। मशीन ने 22 सालों तक लगातार काम किया। इस दौरान मशीन ने कई चुनौतियों का सामना किया। मशीन को हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों में चट्टानी इलाकों से होकर गुजरना पड़ा। मशीन को कई बार खराब होने का भी सामना करना पड़ा। लेकिन मशीन ने इन सभी चुनौतियों को पार कर लिया और 2022 में टनल का निर्माण पूरा कर दिया।

मशीन के डिस्मेंटल होने के बाद उसे इटली वापस भेजा जाएगा। मशीन के डिस्मेंटल होने से जहां एनएचपीसी को करोड़ों रुपए का घाटा हुआ है, वहीं प्रदेश सरकार को भी सालाना मिलने वाली 12 फीसदी रॉयल्टी से हाथ धोना पड़ा है।
**टीवीएम के डिस्मेंटल होने के कारण**

टीवीएम के डिस्मेंटल होने के कई कारण बताए जा रहे हैं। इनमें से एक कारण मशीन के कल पुर्जों का खराब होना है। बताया जा रहा है कि मशीन के कई महत्वपूर्ण पुर्जे खराब हो चुके हैं। इन पुर्जों को बदलने में करोड़ों रुपए का खर्च आएगा। इसलिए एनएचपीसी ने मशीन को डिस्मेंटल करने का निर्णय लिया है।

दूसरा कारण मशीन की उम्र है। मशीन को 22 साल पहले मंगाया गया था। इस दौरान मशीन ने लगातार काम किया। मशीन की उम्र के कारण भी उसके पुर्जे खराब हो रहे थे।

तीसरा कारण मशीन का उपयोग करने की तकनीक है। बताया जा रहा है कि मशीन का उपयोग करने की सही तकनीक का पालन नहीं किया गया था। इससे भी मशीन के पुर्जों को नुकसान पहुंचा।

**टीवीएम के महत्व**

टीवीएम के डिस्मेंटल होने से पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण दो का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। यह परियोजना 1,500 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगी। यह परियोजना हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए महत्वपूर्ण है। यह परियोजना इन दोनों राज्यों को बिजली से आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।

Post a Comment

Previous Post Next Post