दिवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश, कहा- सिर्फ दिल्ली-NCR नहीं पूरे देश में लगे पटाखों पर बैन

2023 में सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों को लेकर दो महत्वपूर्ण फैसले सुनाए। पहला फैसला 22 सितंबर को आया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने बेरियम रसायन युक्त पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। दूसरा फैसला 7 नवंबर को आया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान और अन्य राज्यों को फेस्टिव सीजन के दौरान पटाखों पर अपने पहले के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया।
22 सितंबर के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बेरियम रसायन युक्त पटाखों से वायु और ध्वनि प्रदूषण होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसलिए, इन पटाखों पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है।

7 नवंबर के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों से होने वाला प्रदूषण वायु और ध्वनि प्रदूषण को बढ़ाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसलिए, पटाखों के उपयोग पर नियंत्रण जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट के इन फैसलों से पटाखों के उपयोग पर कुछ नियंत्रण लगने की उम्मीद है। हालांकि, अभी भी कई राज्यों में पटाखों के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं है। ऐसे में, सरकारों को और कड़े नियम बनाने की जरूरत है ताकि पटाखों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके।

सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के कुछ प्रमुख निहितार्थ निम्नलिखित हैं:

* पटाखों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए सरकारों को और कड़े नियम बनाने की जरूरत है।
* पटाखों के उपयोग पर नियंत्रण करने के लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।
* पटाखों के बजाय पर्यावरण अनुकूल तरीकों से दिवाली मनाने का प्रयास करना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के इन फैसलों से उम्मीद है कि भविष्य में पटाखों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए सार्थक कदम उठाए जाएंगे।

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