NCERT की किताबों में भारत नाम को अपनाने के पक्ष में तर्क**

भारत सरकार के राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों में "इंडिया" की जगह "भारत" नाम को अपनाने के पक्ष में कई तर्क दिए जा रहे हैं। इन तर्कों में शामिल हैं:
* **भाषा का मानकीकरण:**
 भारत के संविधान में देश का नाम "भारत" है। इसलिए, यह तर्क दिया जाता है कि एनसीईआरटी की किताबों में भी देश का नाम "भारत" होना चाहिए ताकि भाषा का मानकीकरण हो सके।
* **सांस्कृतिक पहचान का प्रतिनिधित्व:** 
"भारत" नाम भारत की प्राचीन और समृद्ध संस्कृति और सभ्यता का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए, यह तर्क दिया जाता है कि एनसीईआरटी की किताबों में "भारत" नाम को अपनाना देश की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने में मदद करेगा।
* **वैश्विक स्तर पर पहचान:**
 "भारत" नाम दुनिया भर में अधिक लोकप्रिय हो रहा है। इसलिए, यह तर्क दिया जाता है कि एनसीईआरटी की किताबों में "भारत" नाम को अपनाना देश को वैश्विक स्तर पर बेहतर ढंग से पहचानने में मदद करेगा।

**एनसीईआरटी की किताबों में भारत नाम को अपनाने के विरोध में तर्क**

एनसीईआरटी की किताबों में "इंडिया" की जगह "भारत" नाम को अपनाने के विरोध में भी कुछ तर्क दिए जा रहे हैं। इन तर्कों में शामिल हैं:

* **भाषा की विविधता:** 
भारत एक बहुभाषी देश है। इसलिए, यह तर्क दिया जाता है कि "भारत" नाम को अपनाने से देश की भाषाई विविधता को नुकसान पहुंच सकता है।
* **अंतर्राष्ट्रीय मान्यता:**
 "इंडिया" नाम दुनिया भर में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है। इसलिए, यह तर्क दिया जाता है कि "भारत" नाम को अपनाने से देश की अंतरराष्ट्रीय पहचान को नुकसान पहुंच सकता है।
* **राजनीतिक लाभ:**
 यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि एनसीईआरटी की किताबों में "भारत" नाम को अपनाने का प्रस्ताव राजनीतिक लाभ के लिए उठाया गया है।

अंततः, यह निर्णय एनसीईआरटी और सरकार को लेना होगा कि क्या "इंडिया" की जगह "भारत" नाम को एनसीईआरटी की किताबों में अपनाना चाहिए।

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